केंद्र सरकार ने बॉलीवुड की छह बड़ी हस्तियों को साल 2020 में पद्मश्री (Padma Shri) पुरस्कार देने का एलान किया है। ये हस्तियां कंगना रनौत, एकता कपूर, अदनान सामी, करण जौहर, सुरेश वाडकर और सरिता जोशी हैं। इन पुरस्कारों की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर एक नई जंग छिड़ गई है जिसका कनेक्शन अदनान सामी (Adnan Sami) से जुड़ा है।
अदनान को भारत की नागरिकता 1 जनवरी, 2016 को मिली थी। इससे पहले वह पाकिस्तान के नागरिक थे। अदनान के पाकिस्तानी पासपोर्ट की अवधि 26 मई, 2015 को समाप्त हुई थी। अदनान ने केंद्र सरकार से उन्हें भारत की नागरिकता देने की अपील की थी जिसे भारत सरकार ने स्वीकार किया। ऐसे में पद्मश्री मिलते ही उनकी नागरिकता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके पहले पाकिस्तानी होने की बात कही।
इस बीच एक यूजर ने ट्वीट कर अदनान से पूछा कि किस लिए उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इस पर गायक ने भी कटाक्ष करते हुए जवाब दिया- 'मैं अच्छी बिरयानी बना लेता हूं।' इसके साथ ही अदनान ने कहा- 'मुझे गर्व है कि मेरे दिवंगत पिता की तरह मुझे भी कला में योगदान और सेवा के लिए अपने देश से सम्मान मिला है। आप अपनी जिंदगी के लिए हमेशा जिम्मेदार और जवाबदेह हैं- दूसरों के लिए नहीं! न्याय का ‘इतिहास’ यही सिखाता है।'
अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा होते ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने भी इसका विरोध किया। एमएनएस की सिनेमा इकाई के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने ने कहा, 'अदनान सामी असली भारतीय नागरिक नहीं हैं। एमएनएस का विचार है कि उन्हें कोई पुरस्कार नहीं दिया जाना चाहिए। हम उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने के फैसले की निंदा करते हैं और निर्णय को वापस लेने की मांग करते हैं।'
पुरस्कार का एलान होने पर अदनान ने सोशल मीडिया पर ट्टीट करके अपनी खुशी जाहिर की थी। अदनान ने ट्वीट किया था- 'किसी भी कलाकार के लिए सबसे बड़ा क्षण उसकी सरकार द्वारा उसकी सराहना और पहचान करना है। भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित होने के लिए मैं अभिभूत हूं। यह 34 साल की संगीतमय यात्रा रही है।'
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